Ep. 008 Masturbation sahi hai ya galat ?

Samwad in Dhyan Kaksha

May 28 2023 • 26 mins

मास्टरबेशन एक समस्या या एक दुविधा जिससे हर पीढ़ी के युवा प्रभावित, सही-गलत का फैसला करना कठिन हो जाता है।

  • मास्टरबेशन की आदत

अपने जैसा ही जीवन उत्पन्न करना प्रकृति का मूल कार्य सिद्धांत है। हर जीवन्त स्थिति में दिखेगा पेड़-पौधे हों, जानवर हों या इन्सान हों।
मनस के विकास के कारण मनुष्य सुख-दुःख की स्थिति को नियंत्रित करना चाहता है। एक उम्र के बाद पुरुषों में स्त्रियों के प्रति और स्त्रियों के पुरुषों के प्रति एक गहरा आकर्षण होने लगता है।
आकर्षण के कारण शरीर की ऊर्जा जननांगों की तरफ बहने लगती है। अपने विचार शक्ति, अनुवांशिक यादें, सामाजिक माहौल से मिले ज्ञान से प्रभावित होकर सुख की अनुभूति के लिए अपने जननागों का स्पर्श शूरू करते हैं। यही स्थिति आदत में बदल जाती है।

  • आयुर्वेद एवं योग की नजर से
    आयुर्वेद के अनुसार शरीर में सात धातु रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र का निर्माण भोजन के द्वारा होता है। शुक्र सबसे आखिरी कड़ी है, जिसका क्षय सेक्स अथवा मास्टरबेशन में होता है। योग के अनुसार शुक्र का रक्षा ही जीवन है शुक्र का नाश ही मृत्यु है।


  • मास्टरबेशन की आदत सही है गलत
    थोपे हुये विचार एक दुविधा की स्थिति ही पैदा करेगा। मैं चाहता हूं, तुम स्वयं तय करो क्या उचित है। स्वयं के अनुभव के आधार पर तय करो।
    ब डॉक्टर कहते हैं,
  • मास्टरबेशन stress buster है
  • सहज और स्वाभाविक है
  • हर युवा को करना ही चाहिये
  • ऐसा न करने से दिक्कत भी आ सकती है

तब किसकी बात मानी जाये। पशाचत्य की बात मान भी लेते लेकिन आयुर्वेद ठीक विपरीत कहता है। न तो इसके सहज और स्वाभाविक होने की बात स्वीकार करता है और न ही ऐसा करने से लाभ की ही बात करता है।
ऐसे दुविधा में लोगों को मास्टरबेशन के बाद एक ग्लानि का भाव अंदर से आ ही जाता है


पूरी बात सुनने के बाद अपने विवेक का प्रयोग करना और उससे अच्छा होगा तुम 2 महीने कठोरता से इसको नियन्त्रण में करके देखो तुम्हें स्वयं बहुत से बदलाव देखने को मिलने लगेगा।
नमस्कार!