Khule Aasmaan Mein Kavita

Nayi Dhara Radio

यहाँ हम सुनेंगे कविताएं – पेड़ों, पक्षियों, तितलियों, बादलों, नदियों, पहाड़ों और जंगलों पर – इस उम्मीद में कि हम ‘प्रकृति’ और ‘कविता’ दोनों से दोबारा दोस्ती कर सकें। एक हिन्दी कविता और कुछ विचार, हर दूसरे शनिवार... Listening to birds, butterflies, clouds, rivers, mountains, trees, and jungles - through poetry that helps us connect back to nature, both outside and within. A Hindi poem and some reflections, every alternate Saturday... read less
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आरा मशीन | Aaraa Machine
Jan 26 2022
आरा मशीन | Aaraa Machine
जिस आरा मशीन की बात विश्वनाथ प्रसाद तिवारी अपनी कविता में करते हैं, वह ना सिर्फ कुछ पेड़ों को काटती है, बल्कि मनुष्य और प्रकृति के गहरे रिश्ते पर भी आघात करती है। ऐसे में यह कविता हमें सचेत करती है कि यदि हमने अपने उपकरणों को काबू में नहीं किया तो वह हमारे अस्तित्व को ही खतरे में डाल देंगे। The sawmill in Vishwanath Prasad Tiwari's poem 'Aaraa Machine', doesn't just cut through some trees. It also wounds our deep relationship with nature. The poem warns us that our tools, if not employed properly, have the capability of threatening our very existence. कविता / Poem – आरा मशीन | Aaraa Machine कवि / Poet – विश्वनाथ प्रसाद तिवारी | Vishwanath Prasad Tiwari पुस्तक / Book - विश्वनाथ प्रसाद तिवारी - प्रतिनिधि कविताएँ (Pg. 42) संस्करण / Publisher - राजकमल पेपरबैकस (2014) A Nayi Dhara Radio Production
पानी क्या कर रहा है | Paani Kya Kar Raha Hein
Jan 12 2022
पानी क्या कर रहा है | Paani Kya Kar Raha Hein
इस कविता में नरेश सक्सेना हमें याद दिलाते हैं कि प्रकृति कोई मृत पदार्थ नहीं बल्कि एक जीता जागता पारितंत्र है, जिसका हर तत्व उसे संतुलन में रखने के लिए अपना पूरा कर्तव्य निभा रहा है। ऐसे में वह मानव जाति से पूछते हैं कि जहाँ प्रकृति निरंतर अपना फ़र्ज़ निभा रही है, वहीं मनुष्य की ज़िम्मेदारी कौन तय करेगा? In this poem Naresh Saxena reminds us that nature is not just dead matter but a living, breathing ecosystem. All its elements are continuously playing their part in maintaining its equilibrium. In this context, he asks the human race, that whilst nature always plays its part, how will their responsibility get fixed? कविता / Poem – पानी क्या कर रहा है | Paani Kya Kar Raha Hai कवि / Poet – नरेश सक्सेना | Naresh Saxena पुस्तक / Book - Kavi Ne Kahaa (Pg. 48) संस्करण / Publisher - Kitabghar Prakasan (2014) A Nayi Dhara Radio Production
झरने की आवाज़ | Jharne Ki Aawaaz
Jun 4 2021
झरने की आवाज़ | Jharne Ki Aawaaz
विनोद कुमार शक्ल की कविता 'जलप्रपात है समीप' हमें एक झरने के पास ला कर खड़ा कर देती है। वो हमें मजबूर करती है के हम उसकी आवाज़ को गौर से सुनें - और उस एक आवाज़ में छुपी कई छोटी-छोटी आवाजों को पहचानें। ताकि हम भी कवि की तरह उनके साथ सुर में सुर मिला कर, प्रकृति के संगीत में शामिल हो सकें। In his poem 'Jalprapaat Hai Sameep', Vinod Kumar Shukla brings us close to a waterfall. He compels us to listen carefully - so that we may be able to recognize all the little voices that make up the sound of the waterfall. He does this so that like him, we too can join in and become a part of nature's song. कविता / Poem – जलप्रपात है समीप | Jalprapaat Hai Sameep कवि / Poet – विनोद कुमार शुक्ल | Vinod Kumar Shukl पुस्तक / Book - प्रतिनिधि कविताएँ (विनोद कुमार शुक्ल) संस्करण / Publisher - राजकमल प्रकाशन (2016) Scripted and Hosted by Kartikay Khetarpal Produced by Nithin Shamsudhin Logo and Graphics Design by Abhishek Verma A Nayi Dhara Radio Production
पेड़ जो हमारे पड़ोसी हैं | Ped Jo Humaare Padosi Hain
Apr 16 2021
पेड़ जो हमारे पड़ोसी हैं | Ped Jo Humaare Padosi Hain
कुँवर नारायण अपनी कविताओं में अक्सर पेड़ों से बातें करते थे। उनकी कविता 'मेरा घनिष्ठ पड़ोसी' हमें एक ऐसे पेड़ से मिलवाती है जो न सिर्फ उनका पुराना पड़ोसी है बल्कि उनके सुख-दुख का साथी और उनका प्रिय मित्र भी है। तो चलिए उनकी आँखों से इस पेड़ को देखें ताकि हम भी अपने पड़ोसी पेड़ों से दोस्ती कर सकें। Kunwar Narain often spoke to trees in his poetry. In his poem 'Mera Ghanishth Padosi', he introduces us to one such tree who is not only an old neighbour but also a constant friend through life's changing seasons. Let's look at this tree through his eyes, so that we too can make friends with our tree neighbours. कविता / Poem - मेरा घनिष्ठ पड़ोसी | Mera Ghanishth Padosi कवि / Poet - कुँवर नारायण | Kunwar Narain पूरी कविता यहाँ पढ़ें / Read the entire poem here - https://www.hindi-kavita.com/In-Dino-Kunwar-Narayan.php#Dino21 A Nayi Dhara Radio Production Scripted and Hosted by Kartikay Khetarpal Produced by Nithin Shamsudhin Logo and Graphics Design by Abhishek Verma